Apoorva Review: आप पहले भी इस हाईवे से गुजर चुके हैं, तारा सुतारिया को नई राह ढूंढनी चाहिए

Apoorva Review तारा सुतारिया: मूल सामग्री के इंतजार में अक्सर लंबा समय बीत जाता है। अगर आप अपूर्वा को इसी उम्मीद से देखना चाहते हैं तो थोड़ा और इंतजार करें। तब तक पढ़ें ये रिव्यू

जब अपूर्वा फिल्म का ट्रेलर आया सामने

यह स्पष्ट था कि आप NH 10 का नया संस्करण देखने जा रहे हैं जब फिल्म Appropriate का ट्रेलर आया था। हिंदी सिनेमा ने ऐसे ही निरंतर दोहराव की वजह से दोयम दर्जे का दर्जा हासिल किया है। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म भी इसी दिशा में हैं। अगर आपने अनुष्का शर्मा की वह फिल्म देखी है, तो आपको अपूर्वा की इस कहानी में कुछ भी नया नहीं मिलेगा। ऐसा लगता है कि फिल्म बनाने वाले, अभिनेता और शायद ओटीटी में काम करने वाले लोग भी यह देखते रहते हैं कि उनके आसपास कौन क्या कर रहा है! तारा सुतारिया, जो अपूर्वा बन गई, एक बड़ी सफलता की तलाश में है।

सर्वाइवल ड्रामा

निर्देशक निखिल नागेश भट्ट ने इससे पहले बृज मोहन अमर रहे (2017) और हुड़दंग (2022) जैसी फिल्मों में काम किया था, लेकिन दोनों फिल्मों में सफलता नहीं मिली। वेब सीरीज द गॉन गेम (2020) भी कुछ चर्चा के बाद चली गई। अब उन्होंने अपूर्वा में हाथ आजमाया है। फिल्म के लेखक और निर्देशक भी हैं। इस सर्वाइवल ड्रामा में, हालांकि, कुछ भी असाराधण नहीं है। OTT पर घर बैठे आपके पास इससे बेहतर और विश्वव्यापी सामग्री है। फिल्म की शुरुआत में अपूर्वा, जिसे तारा सुतारिया ने अभिनीत किया है, एक पढ़ी-लिखी और करियर के लिए उत्सुक लड़की की भूमिका में दिखती है।फिर जल्दी ही उसे बैंकर सिड, या धैर्य करवा, जैसा जीवन साथी मिलता है। दोनों प्यार करते हैं। होगा। अपूर्वा ग्वालियर से आगरा जाकर सिड को उसके जन्मदिन पर सरप्राइज देती है। यहीं बस में सफर करते समय उसका अपहरण करके चार बदमाशों का गैंग दूर खंडहरों में ले जाता है। अपूर्वा अब क्या करेगी? अगर आप इस प्रश्न का अनुमान नहीं लगा सकते तो फिल्म देख लीजिए।

Apoorva Review

नायिकाएं दुष्टों से अकेली भिड़ती हैं

Apoorva के निर्माताओं का कहना हो सकता है कि वे इस फिल्म को नएपन से अधिक सच्चाई को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया है। लेकिन फिल्म की कहानी ही नहीं, कई दृश्य एनएच 10 की तरह हैं। फिल्म धूसर हो जाती है। हाल ही में आलिया भट्ट की हाईवे से लेकर नुसरत भरुचा की अकेली तक ऐसी कई फिल्में आई हैं, जहां नायिकाएं अपने आप को बुरे लोगों से अकेले लड़ती हैं। ऐसी फिल्मों में परिस्थितियों और स्थानों की नवीनता के साथ कुछ कल्पनाशीलता भी होनी चाहिए। वह इन फार्मूलाबद्ध फिल्मों में अक्सर नहीं दिखती। अपूर्वा भी समान है।

ग्लैमरस से अलग, ऐक्टर के रूप में दिखा

करण जौहर की स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2019 से लेकर मरजावां, तड़प, हीरोपंती और एक विलेन रिटर्न्स जैसी फिल्मों में काम कर चुकी तारा के लिए अपूर्वा इसीलिए खास हो सकती है कि वह अपने को ग्लैमरस से अलग, ऐक्टर के रूप में दिखा सकती है। लेकिन अपूर्वा उन्हें अपनी छवि बदलने में खास मदद नहीं करेगा। धैर्य करवा के पास यहां एक सीन था। कुछ गाना जारी रखें। राजपाल यादव इस फिल्म का आकर्षण हैं। वह लंबे समय तक एक अच्छे खलनायक की भूमिका में रहते हैं। जुगनू की भूमिका में वह स्थिर हैं वहीं अभिषेक बनर्जी अब एक और बकवास सूखा में खुद को दोहराते नजर आते हैं। बल्ली और आदित्य गुप्ता इन दोनों के साथी हैं। कुल मिलाकर, यह गैंग कोई बहुत बड़ा आतंक फैलाने में सफल नहीं होता।

अपूर्वा इस तरह की फिल्मों से एंटरटेन होते हैं 

जिसमें लड़का-लड़की का प्रेम, अपराधियों की क्रूरता, साधारण लगती लड़की के अद्भुत साहस, पुलिस की ढील-पोल और बेबसी का क्लाइमेक्स आता है। शुरुआती घटनाक्रमों के बाद फिल्म ढर्रे पर चलती है। बीच-बीच में कुछ फ्लैशबैक एकरसता कम करने का प्रयास करें। हां, फिल्म का दीवाली गाना बेहतरीन है यह यूट्यूब पर उपलब्ध है. अगर आप ओटीटी पर इस तरह की फिल्मों से एंटरटेन होते हैं और आपके पास डिज्नी हॉटस्टार का सब्सक्रिप्शन है, तो अपूर्वा को देख सकते हैं. वर्ना फिलहाल तो इस ओटीटी पर वर्ल्ड कप क्रिकेट का मुफ्त मजा आप ले ही रहे हैं!

Leave a Comment